केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर अवैध तरीके से संचालित हो रहे घोड़ा-खच्चर।
विधायक ने कहा, गलत तरीके से घोड़ा-खच्चरों का संचालन सही नहीं।
रुद्रप्रयाग। केदारनाथ पैदल मार्ग पर बिना लाईसेंस के भी घोड़ा-खच्चर संचालित हो रहे हैं, जबकि डंडी-कंडी व पालकी वाले भी इस मामले में पीछे नहीं हैं। जिन घोड़े-खच्चर संचालकों को अनुमति दी गई है, वे अनुमति के साथ चल रहे हैं। जबकि जिन लोगों को अनुमति नहीं मिल रही है, वे अपनी मनमर्जी से यात्रा मार्ग पर मवेशियों का संचालन करने में लगे हैं। जिन पर जिला पंचायत विभाग की ओर से कार्यवाही के नाम पर मात्र चालान ही काटे जा रहे हैं।

बता दें कि केदारनाथ पैदल मार्ग पर पांच हजार घोड़े-खच्चरों के साथ ही डंडी-कंडी व पालकी का संचालन हो रहा है। यात्रा मार्ग पर ऐसे भी घोड़ा-खच्चर संचालक हैं, जो बिना अनुमति के चल रहे हैं। इनका जिला पंचायत से लाईसेंस नहीं बना है, बाजवूद इसके ये अवैध तरीके से यात्रा मार्ग पर चल रहे हैं। इनके साथ ही डंडी-कंडी व पालकी वाले भी ऐसा ही कर रहे हैं। जिला पंचायत की ओर से इन पर कठोर कार्यवाही करने के वजाय मात्र चालान तक की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। मामले में केदारनाथ की विधायक शैलारानी रावत ने कहा कि अवैध तरीके से केदारनाथ पैदल मार्ग पर घोड़े-खच्चरों का संचालन होने की जानकारी उन्हें नहीं है। कहा कि यात्रा मार्ग पर अवैध तरीके से घोड़ा-खच्चरों का संचालन करना सही नहीं है। प्रशासन की ओर से व्यवस्था के तहत पांच हजार घोड़े-खच्चरों का संचालन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर अभी 350 के करीब घोड़े-खच्चर स्वामी हैं, जिनका संचालन यात्रा मार्ग पर नहीं हो पा रहा है। अभी यात्रा में समय काफी है। ऐसे में जो छूटे हुए घोड़े-खच्चर स्वामी हैं, उन्हें भी मौका दिया जाएगा।
