बदलते समय के साथ तकनीकी का जीवन पर गहरा प्रभाव: पहाड़ी
’राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के अवसर पर ’‘‘कृत्रिम मेधा के युग में मीडिया’’’ विषय पर गोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन
कृत्रिम मेधा की क्षमताएं जितनी सुविधाजनक, उतनी ही खतरनाक: डिमरी
रुद्रप्रयाग। ’राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी की अध्यक्षता में नगर पालिका सभागार में ’‘‘कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया’’’ विषय पर गोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रमेश पहाड़ी ने जनपद के समस्त प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक प्रेस प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बधाई व शुभकामनाएं दी।
![](https://rudraprayagpost.in/wp-content/uploads/2023/11/IMG-20231116-WA0052-1024x590.jpg)
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर ’‘‘कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया’’’ विषय पर आयोजित गोष्ठी के दौरान वरिष्ठ पत्रकार रमेश पहाड़ी ने कहा कि बदलते समय के साथ तकनीकी का हमारे जीवन पर लगातार प्रभाव बढ़ता जा रहा है। कृत्रिम मेधा इसका जीवंत उदाहरण है कि कैसे तकनीकि जीवन का अभिन्न अंग बनती जा रही है। खासतौर पर मीडिया एवं प्रेस इससे सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं। घंटों के कार्य कृत्रिम मेधा की मदद से अब मिनटों में पूरे हो रहे हैं। बड़े-बड़े आर्टिकल हों या वीडियो एडिटिंग का कार्य आज एक क्लिक पर संपंन हो रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार लक्ष्मी प्रसाद डिमरी ने कहा कि कृत्रिम मेधा की क्षमताएं हमारे लिए जितनी सुविधाजनक है, उतनी ही खतरनाक भी। इसलिए सरकार सहित तकनीकि से जुड़े सभी संस्थानों को इसके उपयोग के लिए सख्त मानक एवं गाइडलाइन तैयार करनी चाहिए, ताकि इस वैज्ञानिक तकनीक का दुरुप्रयोग न हो सके।
![](https://rudraprayagpost.in/wp-content/uploads/2023/11/IMG-20231116-WA0051-1024x682.jpg)
वरिष्ठ पत्रकार अनसुया प्रसाद मलासी ने आधुनिक समय के साथ विकसित हो रही तकनीक की सराहना की। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कोई भी कार्य करने के लिए तकनीक का सहयोग लेना अनिवार्य है। आज एक सामान्य व्यक्ति भी तकनीक की मदद से अपनी समस्याएं देश के सर्वोच्य मंचों पर रख सकता है, लेकिन तकनीकी का सकारात्मक इस्तेमाल हो इसके लिए भी प्रयास होने अनिवार्य हैं। विशेषतौर पर सोशल मीडिया या अन्य मंचों पर अपनी बात रखने वाले लोगों एवं पत्रकारों को कोई भी बात लिखने-कहने से पहले उसकी सत्यता जरूर जांच लेनी चाहिए। वरिष्ठ पत्रकार हरीश गुसांई ने कहा कि पिछले एक दशक में पत्रकारिता में हुए सबसे बड़े बदलावों में कृत्रित मेधा शामिल है। सूचनाओं की प्रसार में इसकी मदद से जो तेजी आई है वो सराहनीय है, लेकिन कृत्रिम मेधा का गलत इस्तेमाल भी बढ़ा है। इसके चलते साइबर ठगी, कंटेंट से छेड़छाड़ समेत कई आपराधिक मामलों में वृद्धि हुई है जिससे समाज में तारतम्यता बिगड़ रही है। इस ओर भी ध्यान दिए जाने की जरूरत है।
![](https://rudraprayagpost.in/wp-content/uploads/2023/11/IMG-20231116-WA0050-1024x682.jpg)
पत्रकार देवेंद्र चमोली एवं दीपक बेंजवाल ने भी ’‘‘कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के युग में मीडिया’’’ विषय पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर सूचना अधिकारी रती लाल शाह ने सभी को राष्ट्रीय प्रेस दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज वर्तमान समय में कृत्रिम मेधा ने हर क्षेत्र में अपना प्रभाव छोड़ा है। पत्रकारों को जहां इससे काम करने में सहूलियत मिली है, वहीं समय की बचत में भी इसका अहम योगदान है। कृत्रिम मेधा कितनी भी तरक्की कर ले, मानव के भाव ही उसकी सबसे बड़ी शक्ति हैं। भावनात्मक मेधा के मामले में पत्रकार हों या आम नागरिक कृत्रिम मेधा से हमेशा आगे रहेंगे। उन्होंने राष्ट्रीय प्रेस दिवस की संगोष्ठी में सम्मिलित होने पर समस्त मीडिया प्रतिनिधियों का आभार व्यक्त किया। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर वरिष्ठ सहायक सूचना विभाग राजबीर सिंह भंडारी, राकेश नौटियाल, आनंद सिंह बिष्ट, भुवनेश नेगी, दीपक गोस्वामी सहित जिला सूचना विभाग के समस्त कार्मिक मौजूद रहे।
![](https://rudraprayagpost.in/wp-content/uploads/2023/11/IMG-20231116-WA0050-1-1024x682.jpg)
![](https://rudraprayagpost.in/wp-content/uploads/2023/11/IMG-20231116-WA0049-1024x682.jpg)