घोषित नक़ली सुगम विद्यालयों से घोषित नकली दुर्गम विद्यालयों में स्थानांतरण के लिए मची होड़।
अगस्त्यमुनि। जनपद रुद्रप्रयाग में विभागीय लापरवाही आम शिक्षकों पर भारी पड़ रही है। विद्यालयों के कोटिकरण में भारी विसंगति के कारण वर्षों से दुर्गम में कार्यरत शिक्षक इसका दंश झेल रहे हैं। जिससे आम शिक्षकों में भारी निराशा है। इससे न सिर्फ़ शिक्षक प्रभावित है अपितु नयी नियुक्ति और प्रमोशन वाले शिक्षक भी वहाँ नहीं आ पा रहे हैं, जिससे छात्र हित प्रभावित हो रहे हैं। जनपद रुद्रप्रयाग में दैडा, ल्वारा, लमगोंडी, कंडारा, क्यूँजा, नारायणकोटी, खुमेरा, कांडा भरदार आदि जैसे दुर्गम के कई विद्यालय कोटिकरण में सुगम घोषित हैं। इन विद्यालयों के शिक्षकों को सुगम में माना गया। जबकि ये कई वर्षों से दुर्गम में अपनी सेवा दे रहे हैं। जबकि इनसे भी सुगम विद्यालय दुर्गम घोषित हुए हैं।

अब इन घोषित नकली सुगम विद्यालयों से घोषित नकली दुर्गम विद्यालयों में स्थानान्तरण के लिए होड़ मची है। विद्यालयों से वर्तमान में नई स्थानान्तरण नीति लागू होने से इन विद्यालयों के शिक्षक सुगम से दुर्गम में स्थानान्तरण की जद में आ गये। इन विद्यालयों से कई शिक्षकों के स्थानान्तरण दुर्गम में होने से ये विद्यालय शिक्षक विहीन हो गये हैं। क्योंकि इन घोषित नकली सुगम विद्यालयों में कोई भी शिक्षक आना नहीं चाहता है। ऐसे में इन विद्यालयों में पठन पाठन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। राजकीय शिक्षक संघ के पूर्व ब्लॉक अगस्त्यमुनि के मंत्री भानुप्रताप रावत ने बताया कि पूर्व में भी इसके लिए समिति बिठायी गई थी लेकिन परिणाम कुछ नहीं निकला। जनप्रतिनिधियों की सहायता से तत्कालीन ज़िलाधिकारी वंदना सिंह के समक्ष भी इस प्रकरण को रखा गया था और ज़िलाधिकारी महोदया ने सहानुभूति पूर्वक विचार कर अग्रिम कार्रवाई का आश्वासन भी दिया था लेकिन अचानक उनका स्थानांतरण होने पश्चात यह मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला गया। सरकार द्वारा शिक्षा विभाग की स्थिति प्रयोगशाला के चूहे जैसी कर दी गई है, जिसका जीता जागता उदाहरण वर्तमान में संचालित अटल आदर्श विद्यालय हैं जहां के शिक्षकों का भी स्थानान्तरण दुर्गम के विद्यालयों में कर दिया गया है। विभाग की इन ग़लत नीतियों के कारण शिक्षकों का बहुत अहित हो रहा है। इस संबंध में उन्होंने केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत से मुलाक़ात कर उन्हें स्थिति से अवगत कराया है। माननीय विधायक द्वारा इस संबंध में सहायता हेतु आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अब शिक्षकों का और उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और जनपद में जनप्रतिनिधियों, प्रभावित शिक्षकों, शिक्षक प्रतिनिधियों और सक्षम अधिकारियों की मदद से सुधार हेतु प्रयास किए जाएंगे। इस सम्बन्ध में शीघ्र ही एक आवश्यक बैठक बुलाई जायेगी। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि विभाग ने सही कोटिकरण नहीं किया तो शिक्षकों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पडे़ेगा।
