उषाड़ा से भावुक क्षणों के साथ विदा हुई भगवती नंदा
आज दैड़ा गांव से विदा होकर सारी गांव में करेगी विश्राम
ऊखीमठ। तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत उषाड़ा में भगवती नन्दा के आगमन पर पुष्प वर्षा से भव्य स्वागत किया गया तथा विभिन्न प्रकार के धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से भगवती नन्दा की महिमा का गुणगान किया गया। कार्यक्रम मंे बगड़वाल नृत्य मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहा। देर सांय भगवती नन्दा उषाड़ा गांव से भावुक क्षणों के साथ विदा होकर रात्रि प्रवास के लिए दैड़ा गांव के लिए रवाना हुई तथा कल भगवती नन्दा दैड़ा गांव से विदा होकर प्रवास के लिए पर्यटक गांव सारी पहुंचेगी।

बता दें कि विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी भगवती नंदा तुंगनाथ घाटी के कांडा, डूण्डू सहित विभिन्न गांवों का भ्रमण कर ग्रामीणों की कुशलक्षेम पूछ कर आशीर्वाद दे रही है। भगवती नन्दा के उषाड़ा गांव आगमन पर ग्रामीणों ने भगवती नन्दा की पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया तथा अनेक प्रकार के पकवान भगवती नन्दा को अर्पित कर मनौती मांगी। उषाड़ा गांव के ग्रामीणों द्वारा भगवती नन्दा के आगमन पर बगड़वाल नृत्य, झुमैलू सहित अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर भगवती नन्दा की महिमा का गुणगान किया तथा महिलाओं द्वारा पौराणिक मांगल गीतों के माध्यम से भगवती नन्दा की स्तुति की जा रही है। प्रधान कंुवर सिंह बजवाल ने बताया कि उषाड़ा गांव को भगवती नन्दा का ननिहाल माना जाता है। इसलिए ग्रामीणों द्वारा प्रति वर्ष भगवती नन्दा के उषाड़ा गांव आगमन पर भव्य धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं तथा भगवती नन्दा को अनेक प्रकार के भोग लगाकर मनौती मांगते हैं।


पूर्व प्रधान प्रदीप बजवाल ने बताया कि भगवती नन्दा के उषाड़ा गांव आगमन पर ग्रामीणों में भारी उत्साह बना रहता है तथा हर वर्ष भगवती नन्दा की विदाई भावुक क्षणों के साथ की जाती है। सामाजिक कार्यकर्ता प्रतिपाल सिंह बजवाल ने बताया कि भगवती नन्दा के आगमन पर हर ग्रामीणों भगवती नन्दा की भक्ति में लीन रहता है तथा ग्रामीणों में प्यार, प्रेम व सौहार्द बना रहता है। इस मौके पर पूर्व कनिष्ठ प्रमुख दर्शनी पंवार, पूर्व प्रधान लखमा देवी, अधिवक्ता आनन्द बजवाल, सरपंच देखरेख समिति राजेन्द्र सिंह बजवाल, वन पंचायत सरपंच देवेन्द्र बजवाल, दिनेश बजवाल महिला मंगल दल अध्यक्ष सुलोचना देवी, मनीषा बजवाल, मनोज नेगी, आलोक बजवाल, प्रताप बजवाल हरेन्द्र बजवाल चन्द्रमोहन बजवाल महिपाल बजवाल, भरत सिंह सहित नर-नारी, विभिन्न देवी-देवताओं के पश्वा व ढोलवादक मौजूद थे।


